Hindu Rituals
Saturday 26 March 2022
Tuesday 9 March 2021
Deeparadhana
రోజు ఇంట్లో దీపం పెట్టెటప్పుడు
పాటించవలసిన నియమాలు ఏంటి?
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*🌺 దీపం తేజస్ తత్వానికి ప్రతీక.
🌺 రోజు రెండు సార్లు, ఉదయం సూర్యోదయానికి ముందు సంధ్యాకాలంలో, సాయంత్రం సూర్యాస్తమయం సంధ్యాకాలంలో తప్పకుండా దీపారాధన చేయాలి.
🌺దీపప్రజ్వలన అనకుండా దీపారాధన అనడంలోనే ఒక ప్రత్యేకత ఉంది. దీపాన్ని వెలిగించండని చెప్పలేదు, దీపాన్నీ పూజించండి అన్నారు పెద్దలు.
🌺ఎందుకంటే దీపం పరబ్రహ్మస్వరూపం ఆత్మస్వరూపం. మనలోనూ నిత్యం ఆత్మజ్యోతి ఒకటి వెలుగుతూ ఉంటుంది కనుకనే మనం జీవించి ఉన్నాం. దీపంలోనే దేవతలందరూ ఉంటారు.
🌺దీపం వెలిగించిన మరుక్షణమే ఆ ప్రాంతమంతా దైవీశక్తులతో నిండిపోతుంది. దీపం పెడితే చాలు దేవతలు వస్తారు.
🌺 అటువంటి దీపారాధనకు ప్రత్యేక నియమాలు ఏమీలేవు. ఉదయం స్నానం చేసిన తరువాత వెలిగించినట్టే, సాయంత్రం స్నానం చేసి దీపం వెలిగించాలి.
🌺 సాయంత్రం స్నానం చేయలేని స్థితిలో కనీసం ముఖమూ కాళ్ళూ చేతులు నోరు కడుక్కుని దీపారాధన చేయాలి.
🌺 మాంసాహారం తిన్నేవారు కూడా ప్రతిసారీ తలంటుస్నానం చేయనవసరంలేదు. మామూలు స్నానం సరిపోతుంది.
🌺 ఇక దీపం వెలిగించి ప్రమిద బంగారం కానీ, వెండిది కానీ, ఇత్తడిది, మట్టిదైనా అయి ఉండాలి.స్టీలు, ఇనుప ప్రమిదలో ఎప్పుడు దీపం వెలిగించకూడదు.
🌺 దీపపు ప్రమిద ఎప్పుడు నేలపై ఉంచకూడదు. అది దీపాన్ని అగౌరవపరిచనట్టు అవుతుంది.
🌺 క్రింద ఒక చిన్న ఇత్తడి లేక మట్టీ ప్లేట్ లాంటిది పెట్టి, దానిపై ప్రమిద ఉంచాలి.
🌺 అలాగే దీపారాధన చేసే ముందు రెండు పూటలా ఇల్లు శుభ్రపరచాలి. శుభ్రమైన ప్రదేశంలో దీపం పెట్టాలి.
🌺 దీపారాధన చేసే చోట, నీటితో తుడిచి, బియ్యపు పిండితో ముగ్గు వేసి (చిన్నదైనా సరే), కొద్దిగా పసుపుకుంకుమా చల్లి, అప్పుడు దీపపు ప్రమిద పెట్టి, దీపం వెలిగించాలి.
🌺 ప్రమిదలో దీపాన్ని వెలిగించడానికి, వేరే #చిన్నవత్తిని_కానీ, హారతి కర్పూరాన్ని కానీ వెలిగించి దానితో, ప్రమిదలో దీపాన్ని వెలిగించాలి. (ఇవన్నీ రోజు చేయడం కష్టంగా భావిస్తే, రోజు మాములుగా దీపం వెలిగించి, పర్వటి రోజులు, సెలవు రోజుల్లోనైనా ఈ విధానం పాటించండి.)
🌺 దీపారాధన ఎప్పుడు ఒక వత్తితో చేయకూడదు. అది అశుభసూచకం. కనీసం రెండు వత్తులైనా వేయాలి.
🌺 రెండు జ్యోతులు వెలిగించాలని చెప్తారు.దీపారాధానకు #ఆవునెయి ఉత్తమం, తరువాత నువ్వులనూనె.
🌺 దీపం వెలిగించాక, ప్రమిదకు గంధం, కుంకుమ పెట్టి, పూలు సమర్పించాలి.
🌺 సర్వదేవతస్వరూపమైన ఆ దీపానికి నమస్కరించాలి.
🌺 ఏ ఇంట్లో నిత్యం రెండు పూటల దీపారాధన ఆ ఇంట లక్ష్మీదేవీఎప్పటికి నిలిచే ఉంటుంది.
🌺 దుష్ట శక్తులు ఆ ఇంటి దరిదాపుల్లోకి కూడా రాలేవు.
🌺 వ్యాపారం అభివృద్ధి చెందాలనుకునేవారు నిత్యం వ్యాపారస్థలంలో దీపారాధాన చేయడం వలన కలిగే మార్పు మీరే గమనించవచ్చు.
🌺 నిత్యం ఎవరు దీపారాధన చేస్తారో, వారికి ఉన్న గ్రహదోషాలు, పీడలు చాలావరకు దీపారాధన మహిమవల్ల పరిహారమవుతాయి.
🌺 ఇంట్లో శాంతి నెలకొంటుంది. పిల్లలు వృద్ధిలోకి వస్తారు.
🌺 ఎన్నో ప్రయోజనాలను కలిగించే దీపారాధన మనలోని జ్ఞానాన్ని పెంపొందిస్తుంది.
(సేకరణ)
Sunday 13 September 2020
Gurukul and it's Importance
What is Gurukul
*गुरुकुल कैसे खत्म हो गये*❓
आपको पहले ये बता दे कि हमारे सनातन संस्कृति परम्परा के गुरुकुल मे क्या क्या पढाई होती थी ! आर्यावर्त के गुरुकुल के बाद ऋषिकुल में क्या पढ़ाई होती थी ये जान लेना आवश्यक है । इस शिक्षा को लेकर अपने विचारों में परिवर्तन लायें और प्रचलित भ्रांतियां दूर करें !
01 अग्नि विद्या (Metallurgy)
02 वायु विद्या (Flight)
03 जल विद्या (Navigation)
04 अंतरिक्ष विद्या (Space Science)
05 पृथ्वी विद्या (Environment)
06 सूर्य विद्या (Solar Study)
07 चन्द्र व लोक विद्या (Lunar Study)
08 मेघ विद्या (Weather Forecast)
09 पदार्थ विद्युत विद्या (Battery)
10 सौर ऊर्जा विद्या (Solar Energy)
11 दिन रात्रि विद्या
12 सृष्टि विद्या (Space Research)
13 खगोल विद्या (Astronomy)
14 भूगोल विद्या (Geography)
15 काल विद्या (Time)
16 भूगर्भ विद्या (Geology Mining)
17 रत्न व धातु विद्या (Gems & Metals)
18 आकर्षण विद्या (Gravity)
19 प्रकाश विद्या (Solar Energy)
20 तार विद्या (Communication)
21 विमान विद्या (Plane)
22 जलयान विद्या (Water Vessels)
23 अग्नेय अस्त्र विद्या (Arms & Ammunition)
24 जीव जंतु विज्ञान विद्या (Zoology Botany)
25 यज्ञ विद्या (Material Sic)
*ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की । अब बात करते है व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की !*
26 वाणिज्य (Commerce)
27 कृषि (Agriculture)
28 पशुपालन (Animal Husbandry)
29 पक्षिपलन (Bird Keeping)
30 पशु प्रशिक्षण (Animal Training)
31 यान यन्त्रकार (Mechanics)
32 रथकार (Vehicle Designing)
33 रतन्कार (Gems)
34 सुवर्णकार (Jewellery Designing)
35 वस्त्रकार (Textile)
36 कुम्भकार (Pottery)
37 लोहकार (Metallurgy)
38 तक्षक
39 रंगसाज (Dying)
40 खटवाकर
41 रज्जुकर (Logistics)
42 वास्तुकार (Architect)
43 पाकविद्या (Cooking)
44 सारथ्य (Driving)
45 नदी प्रबन्धक (Water Management)
46 सुचिकार (Data Entry)
47 गोशाला प्रबन्धक (Animal Husbandry)
48 उद्यान पाल (Horticulture)
49 वन पाल (Horticulture)
50 नापित (Paramedical)
यह सब विद्या गुरुकुल में सिखाई जाती थी पर समय के साथ गुरुकुल लुप्त हुए तो यह विद्या भी लुप्त होती गयी ! आज मैकाले पद्धति से हमारे देश के युवाओं का भविष्य नष्ट हो रहा तब ऐसे समय में गुरुकुल के पुनः उद्धार की आवश्यकता है।
भारतवर्ष में गुरुकुल कैसे खत्म हो गये ? कॉन्वेंट स्कूलों ने किया बर्बाद । 1858 में Indian Education Act बनाया गया। इसकी ड्राफ्टिंग ‘लोर्ड मैकाले’ ने की थी। लेकिन उसके पहले उसने यहाँ (भारत) के शिक्षा व्यवस्था का सर्वेक्षण कराया था, उसके पहले भी कई अंग्रेजों ने भारत की शिक्षा व्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी। अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है ।
मैकाले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे ।
मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है - “कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।” इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया | जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी | फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया | उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा- पीटा, जेल में डाला।
1850 तक इस देश में ’7 लाख 32 हजार’ गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे ’7 लाख 50 हजार’ । मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे । उन सबमे 18 विषय पढाया जाता था और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा ।
गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया । उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था । इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में हैं !
मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि: “इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा । इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।” उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है । अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा । हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, दूसरों पर रोब क्या पड़ेगा।
लोगों का तर्क है कि अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है । दुनिया में 204 देश हैं और अंग्रेजी भाषा सिर्फ 11 देशों में बोली, पढ़ी और समझी जाती है, फिर ये कैसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा है ॽ शब्दों के मामले में भी अंग्रेजी समृद्ध नहीं दरिद्र भाषा है। इन अंग्रेजों की जो बाइबिल है वो भी अंग्रेजी में नहीं थी और ईशा मसीह अंग्रेजी नहीं बोलते थे। ईशा मसीह की भाषा और बाइबिल की भाषा अरमेक थी। अरमेक भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से मिलती जुलती थी । समय के कालचक्र में वो भाषा विलुप्त हो गयी।
संयुक्तराष्टसंघ जो अमेरिका में है वहां की भाषा अंग्रेजी नहीं है, वहां का सारा काम फ्रेंच में होता है। जो समाज अपनी मातृभाषा से कट जाता है उसका कभी भला नहीं होता और यही मैकोले की रणनीति थी ! जिसमे लगभग वो विजय पा चुके क्योंकि आज का युवा भारत को कम यूरोप को ज्यादा जनता है । भारतीय संस्कृति को ढकोसला समझता है लेकिन पाश्चात्य देशों को नकल करता है । सनातन धर्म की प्रमुखता और विशेषता को न जानते हुए भी वामपंथियों का समर्थन करता है।
सभी बन्धुओ से एक चुभता सवाल हमसभी को धर्म की जानकारी होनी चाहिये । क्योंकि धर्म ही हमे राष्ट्र धर्म सिखाती है, धर्म ही हमे समाजिकता सिखाती है, धर्म ही हमे माता - पिता, गुरु और राष्ट्र के प्रति प्राण न्योछावर करने की प्रेरणा देती है। सनातन परंपरा एक आध्यात्मिक विज्ञान है, जिस विज्ञान को हम सभी आज जानते है उससे बहुत ही समृद्ध विज्ञान ही अध्यात्म है...
*जयतु गुरुकुलम् , जयतु भारतम् ...*
*स्वदेशी शिक्षा अभियान...*🚩
Monday 7 September 2020
Art of Life Aspects
Dear all,
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1. ಪತಿ ಪತ್ನಿಯರೇ ಅಟೆನ್ಷನ್ ಪ್ಲೀಸ್
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2. ಬಾಳಿಗೊಂದು ಬೆಳಕು
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3. ROAD MAP FOR SUCCESS
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6. REDEFINING HUSBAND-WIFE RELATIONSHIP
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Wednesday 2 September 2020
Rig-Veda and Suns Diameter
Thursday 27 August 2020
Gothram : Science
గోత్రము వెనుక సైన్సు: (జన్యుశాస్త్రం)
గోత్ర వ్యవస్థ అంటే ఏమిటి?
మనకు ఇది ఎందుకు ఉంది?
వివాహాలను నిర్ణయించడానికి మనము దీనిని ఎందుకు పరిగణించాము?
కొడుకులు తండ్రి గోత్రాన్ని ఎందుకు మోయాలి, కుమార్తె ఎందుకు కాదు?
వివాహం అయిన తర్వాత కుమార్తె యొక్క గోత్రం ఎలా మారుతుంది?
తర్కం ఏమిటి?
ఇది మనము అనుసరించే అద్భుతమైన జన్యు శాస్త్రం.
గోత్రం వ్యవస్థల వెనుక జన్యుశాస్త్రం యొక్క శాస్త్రాన్ని .
గోత్రం అనే పదం రెండు సంస్కృత పదాల నుండి ఏర్పడింది గో (అంటే ఆవు) మరియు త్ర (అంటే రక్షణ).
గోత్ర అంటే ఆవు.
గోత్ర ఒక నిర్దిష్ట మగ వంశాన్ని రక్షించే ఆవు వంటిది. 8 మంది గొప్ప ఋషులు (సప్త రుషులు + భరద్వాజ రుషి యొక్క వారసులుగా పరిగణించడం ద్వారా మన మగ వంశం / గోత్రాన్ని గుర్తించాము. మిగతా గోత్రాలన్నీ వీటి నుండి మాత్రమే ఉద్భవించాయి.
ఎందుకు చూద్దాం ....
మానవ శరీరంలో ఈ 23 జతలలో 23 జతల క్రోమోజోములు (తండ్రి నుండి ఒకటి మరియు తల్లి నుండి ఒకటి) ఉన్నాయి, సెక్స్ క్రోమోజోములు అని పిలువబడే ఒక జత ఉంది, ఇది వ్యక్తి యొక్క లింగాన్ని నిర్ణయిస్తుంది.
గర్భధారణ సమయంలో ఫలిత కణం XX క్రోమోజోములు అయితే అమ్మాయి అవుతుంది, అదే XY అయితే అది అబ్బాయి.
XY లో - X తల్లి నుండి మరియు Y తండ్రి నుండి.
ఈ Y లో ఇది ప్రత్యేకమైనది మరియు అది కలవదు. కాబట్టి XY లో, Y Xని అణచివేస్తుంది మరియు కొడుకు Y క్రోమోజోమ్లను పొందుతాడు. Y మాత్రమే క్రోమోజోమ్, ఇది మగ వంశం మధ్య మాత్రమే నడుస్తుంది. (తండ్రి నుండి కొడుకుకు మరియు మనవడుకు).
మహిళలు ఎప్పటికీ Y ను పొందరు. అందువల్ల వంశవృక్షాన్ని గుర్తించడంలో జన్యుశాస్త్రంలో Y కీలక పాత్ర పోషిస్తుంది. స్త్రీలు ఎప్పుడూ Y ను పొందరు కాబట్టి మహిళల గోత్రం తన భర్తకు చెందుతుందు.
అవి 8 మంది ఋషుల నుండి 8 రకాల Y క్రోమోజోములు. మనము అదే గోత్రానికి చెందినవారైతే, మనం అదే రుషియొక్క మూల పూర్వీకుల నుండి వచ్చాము.
ఒకే గోత్రం మధ్య వివాహాలు జన్యుపరమైన రుగ్మతలను కలిగించే ప్రమాదాన్ని పెంచుతాయి, అదే గోత్రం Y క్రోమోజోములు క్రాస్ఓవర్ కలిగి ఉండవు మరియు ఇది లోపభూయిష్ట కణాలను సక్రియం చేస్తుంది.
ఇది కొనసాగితే, ఇది పురుషుల సృష్టికి కీలకమైన Y క్రోమోజోమ్ యొక్క పరిమాణం మరియు బలాన్ని తగ్గిస్తుంది.
ఈ ప్రపంచంలో Y క్రోమోజోమ్ లేనట్లయితే, అది మగవారు అంతరించిపోయేలా చేస్తుంది.
కాబట్టి గోత్ర వ్యవస్థ జన్యుపరమైన లోపాలను నివారించడానికి మరియు Y క్రోమోజోమ్ను రక్షించడానికి ప్రయత్నించే ఒక పద్ధతి.
ఇది మన మహర్షులచే సృష్టించబడిన అద్భుతమైన బయో సైన్స్.
మన వారసత్వం నిస్సందేహంగా గొప్పది.
Thursday 3 January 2019
ద్వాదశ జ్యోతిర్లింగాలు తెలుస / About Dwadasa Jyotirlingalu
12 రాశులు కూడా తెలుసు.
కానీ మన రాశికి సరిపడిన జ్యోతిర్లింగమేదో తెలుసా?
మేషం - రామేశ్వరం - తమిళనాడు
వృషభం - సోమనాథ్ - గుజరాత్
మిధునం - నాగేశ్వరం - గుజరాత్
కర్కాటకం - ఓంకారేశ్వరం - మధ్యప్రదేశ్
సింహం - వైద్యనాథ్ - jharkhand
కన్య - శ్రీశైలం - ఆంధ్ర ప్రదేశ్
తుల - మహాళేశ్వరం - మధ్యప్రదేశ్
వృశ్చికం - ఘృష్ణేశ్వరం - మహారాష్ట్ర
ధనుస్సు - విశ్వేశ్వరం - కాశి
మకరం - భీమశంకరం - మహారాష్ట్ర
కుంభం - కేదారేశ్వరం - ఉత్తరాఖండ్
మీనం - త్రయంబకేశ్వరం - మహారాష్ట్ర